- वैज्ञानिकों ने 13,000 साल पहले विलुप्त हुए Dire Wolf को फिर से जीवित करने में सफलता हासिल की है। जानिए इस अविश्वसनीय वैज्ञानिक प्रयोग की पूरी जानकारी।

Dire Wolf क्या है?
Dire Wolf एक प्राचीन शिकारी जानवर था जो लगभग 13,000 साल पहले पृथ्वी से विलुप्त हो गया था। यह विशालकाय भेड़िया मुख्य रूप से उत्तरी अमेरिका में पाया जाता था और इसे आज के सामान्य भेड़ियों से कहीं अधिक बड़ा और शक्तिशाली माना जाता है। इसका वैज्ञानिक नाम Canis dirus है और यह बाइसन तथा अन्य बड़े जानवरों का शिकार करता था।
Dire Wolf को प्रसिद्धि टेलीविज़न सीरीज़ Game of Thrones के कारण भी मिली, लेकिन अब यह केवल काल्पनिक पात्र नहीं बल्कि जैव विज्ञान की एक वास्तविक और ऐतिहासिक वापसी बन चुका है।
कैसे हुआ Dire Wolf का पुनर्जन्म?
Colossal Biosciences नाम की एक जैव-प्रौद्योगिकी कंपनी ने यह क्रांतिकारी कारनामा किया है। वैज्ञानिकों ने हजारों साल पुरानी हड्डियों से DNA निकालकर Dire Wolf के जीन को पुनर्निर्मित किया और उसे एक आधुनिक भेड़िये के भ्रूण में प्रत्यारोपित किया।
इसके बाद, उस भ्रूण को एक सरोगेट भेड़िया माता के गर्भ में विकसित किया गया। कुछ महीनों के बाद, एक जीवित Dire Wolf का जन्म हुआ—13,000 साल बाद इस प्रजाति का पहला जीवित सदस्य।
कौन सी तकनीक हुई इस्तेमाल?
इस प्रक्रिया में CRISPR-Cas9 नामक जीन एडिटिंग तकनीक का इस्तेमाल किया गया। इस तकनीक की मदद से वैज्ञानिक पुराने DNA को नए DNA में जोड़ने में सक्षम हुए।
इसके अतिरिक्त, जीनोमिक अनुक्रमण (genome sequencing) और क्लोनिंग जैसी आधुनिक तकनीकों का भी भरपूर उपयोग हुआ।
बाहरी स्रोत (DoFollow Links):
• Colossal Biosciences पर पूरी रिपोर्ट पढ़ें
• National Geographic की रिपोर्ट देखें
क्या हैं इस खोज की चुनौतियां?
इस उपलब्धि को लेकर कई नैतिक और पारिस्थितिक चिंताएं भी सामने आई हैं। कई विशेषज्ञों का कहना है कि 13,000 वर्षों में पृथ्वी की पारिस्थितिकी तंत्र बहुत बदल चुकी है। ऐसे में एक विलुप्त शिकारी जानवर को दोबारा प्राकृतिक वातावरण में छोड़ना एक बड़ा जोखिम हो सकता है।
बायोलॉजिस्ट डॉ. लायला जेनिंग्स का कहना है, “यह वैज्ञानिक रूप से रोमांचक जरूर है, लेकिन हमें इसकी नैतिकता और पर्यावरणीय प्रभावों पर भी विचार करना चाहिए।”
भविष्य में क्या योजनाएं हैं?
Colossal Biosciences ने यह संकेत दिया है कि वह भविष्य में woolly mammoth और dodo जैसी अन्य विलुप्त प्रजातियों को भी पुनर्जीवित करने की योजना बना रही है। इस परियोजना का उद्देश्य केवल जैव विविधता को बढ़ाना ही नहीं बल्कि पृथ्वी के बदलते पारिस्थितिक तंत्र को भी संतुलित करना है।
निष्कर्ष
Dire Wolf का पुनर्जन्म एक अद्वितीय वैज्ञानिक उपलब्धि है जिसने जैव-विज्ञान की सीमाओं को नया आयाम दिया है। यह केवल एक विलुप्त प्रजाति की वापसी नहीं बल्कि भविष्य की अनेक संभावनाओं का द्वार खोलता है। हालांकि इसके प्रभावों पर गहन अध्ययन और निगरानी आवश्यक है।