Brave Indian Soldier Murali Naik Martyrdom: सीमा पर देश के लिए शहीद हुए आंध्रप्रदेश के वीर सपूत (2025)

भारतीय सेना के वीर जवान Murali Naik ने जम्मू-कश्मीर के LoC पर दुश्मनों का सामना करते हुए देश के लिए सर्वोच्च बलिदान दिया। जानिए उनकी प्रेरणादायक कहानी।

Murali Naik: आंध्रप्रदेश का बहादुर सपूत जिसने जान की बाजी लगाई

भारत मां ने एक और वीर सपूत को खो दिया है। Murali Naik, भारतीय सेना के एक युवा और साहसी जवान, 8 मई 2025 को जम्मू-कश्मीर के नियंत्रण रेखा (LoC) पर पाकिस्तानी गोलीबारी में शहीद हो गए। वे आंध्रप्रदेश के श्री सत्य साई जिले के गोरंतला मंडल के कल्लीतांडा गांव से थे।

“आंध्रप्रदेश के बहादुर भारतीय सैनिक Murali Naik, 2025 में LoC पर शहीद”
भारतीय सेना के वीर जवान मुरली नाइक, जिन्होंने 2025 में देश की रक्षा करते हुए LoC पर शहादत दी।

Murali Naik का जीवन परिचय 

 वो एक साधारण किसान परिवार से थे। उनके माता-पिता — श्रीराम नाइक और ज्योथी बाई — मेहनती और ईमानदार लोग हैं। परिवार की आर्थिक स्थिति बहुत मजबूत नहीं थी, लेकिन उस्ने कभी हार नहीं मानी। बचपन से ही उनके मन में देशसेवा की भावना थी।

वे पढ़ाई में औसत थे, लेकिन अनुशासन और मेहनत में हमेशा आगे रहते थे। अपने गाँव के सरकारी स्कूल से माध्यमिक शिक्षा प्राप्त करने के बाद, उन्होंने सेना में भर्ती होने की तैयारी शुरू की। रोज़ सुबह उठकर दौड़ लगाना, फिजिकल ट्रेनिंग करना और खुद को मानसिक रूप से मजबूत बनाना उनकी दिनचर्या का हिस्सा बन गया था। उनके दोस्तों और शिक्षकों का कहना है कि वो शुरू से ही आत्मनिर्भर, शांत स्वभाव और मददगार थे।

सेना में चयन होने के बाद उनके जीवन में एक नया अध्याय शुरू हुआ। उन्होंने कई सैन्य अभ्यासों में भाग लिया और सीमाओं पर अपनी ड्यूटी बखूबी निभाई। वे अपने साथियों के बीच एक भरोसेमंद और निडर सैनिक के रूप में पहचाने जाते थे। देश के लिए कुछ कर गुजरने का जज़्बा उनके हर कार्य में दिखाई देता था। उनका जीवन सचमुच एक मिसाल है कि कैसे साधारण परिवेश से निकलकर कोई असाधारण बन सकता है।

Murali Naik :सेना में शामिल होने का सपना 

उन्का सपना था भारतीय सेना में शामिल होकर देश की रक्षा करना। उन्होंने कड़ी मेहनत की, कठिन परीक्षाएं पास कीं और अंततः देश के जवान बनकर सीमाओं पर तैनात हुए।

 

Murali Naik की शहादत की कहानी 

8 मई 2025 को पाकिस्तानी सेना ने LoC पर सीज़फायर का उल्लंघन करते हुए भारी गोलाबारी शुरू की। इस हमले में उस्ने  डटकर मुकाबला करते हुए गंभीर रूप से घायल हो गए। उन्हें एयरलिफ्ट कर दिल्ली लाया गया, लेकिन उन्होंने देश के लिए अपने प्राणों की आहुति दे दी।

गांव में मातम और देशभर में शोक 

जब माैत की खबर गांव पहुंची, तो पूरा गांव शोक में डूब गया। ग्रामीणों ने मोमबत्तियाँ जलाकर, तिरंगे लहराकर उन्हें श्रद्धांजलि दी। सोशल मीडिया पर श्रद्धांजलियों की बाढ़ आ गई।

मुख्यमंत्री की श्रद्धांजलि 

आंध्रप्रदेश के मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू ने ट्वीट करते हुए लिखा:

“Murali Naik जैसे जवानों के कारण ही भारत सुरक्षित है। उनकी शहादत को देश कभी नहीं भूलेगा।”

 

Murali Naik का अंतिम संस्कार 

उनका पार्थिव शरीर सैन्य सम्मान के साथ गांव लाया गया। भारतीय सेना की टुकड़ी ने तिरंगे में लिपटे उनके पार्थिव शरीर को सलामी दी। हजारों लोग अंतिम यात्रा में शामिल हुए। ‘भारत माता की जय’ और ‘Murali Naik अमर रहें’ के नारों से पूरा वातावरण गूंज उठा।

Murali Naik की शहादत से मिली प्रेरणा 

उन  की शहादत सिर्फ एक परिवार का नुकसान नहीं, बल्कि पूरे देश की प्रेरणा है। उन्होंने सिखाया कि देश की सेवा सर्वोपरि है और सच्चा देशभक्त वही है जो अपने प्राणों की आहुति देने से भी पीछे न हटे।

Murali Naik और युवाओं के लिए संदेश 

Murali  की कहानी आज के युवाओं के लिए एक प्रेरणा है। उन्होंने साबित किया कि अगर संकल्प मजबूत हो, तो कोई भी बाधा देशसेवा के रास्ते में नहीं आ सकती।

Murali Naik को राष्ट्र की श्रद्धांजलि 

सरकार द्वारा उन्हें मरणोपरांत वीरता पुरस्कार से सम्मानित करने की सिफारिश की गई है। पूरा देश उनके बलिदान को नमन कर रहा है।

उन्होंने देश के लिए जो बलिदान दिया, वह हमेशा याद रखा जाएगा। उनका साहस, देशभक्ति और कर्तव्यनिष्ठा हर भारतीय के लिए प्रेरणा है। सीमाओं की रक्षा करते हुए अपने प्राणों की आहुति देना केवल एक सच्चा योद्धा ही कर सकता है। उनकी शहादत ने न केवल आंध्रप्रदेश को गौरवान्वित किया, बल्कि पूरे भारतवर्ष को उनका कर्ज़दार बना दिया है। हमें ऐसे वीर जवानों का सम्मान करना चाहिए और उनके सपनों का भारत बनाने में योगदान देना चाहिए। Murali Naik अमर रहें — यही सच्ची श्रद्धांजलि होगी।

“सरकारी रिपोर्ट्स के अनुसार Press Information Bureau ने Murali Naik की शहादत की पुष्टि की है।”

Leave a Comment